मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी के अवसर पर भगवान की भक्ति में डूबे लोग इस बात से अंजान थे कि जिस जगह वो बैठे हैं, उसके ठीक नीचे मौत उनका इंतजार कर रही है. मंदिर में दर्दनाक हादसे ने प्रदेश ही नहीं देश को झकझोर कर रख दिया है. इसमें जान गंवाने वालों की संख्या 36 पहुंच गई है.
'आजतक' से बात करते हुए स्थानीय निवासी शिवशंकर मौर्य ने बताया कि मंदिर करीब 50 साल पुराना है, जबकि बावड़ी करीब 100 साल पुरानी. पहले यह बावड़ी खुली थी. करीब 25 साल पहले उसके ऊपर एक स्लैब डाल दिया गया और इसके बाद वो धीरे-धीरे मंदिर का हिस्सा बन गया, जो कि असल में अवैध था. रामनवमी के दिन जब श्रद्धालु बड़ी तादाद में वहां इकट्ठे हुए तो वो बावड़ी पर बना स्लैब टूट गया और लोग उसमें समा गए.
स्लैब टूटा और लोगों की दर्दनाक मौत हो गई
स्थानीय लोगों के मुताबिक, रामनवमी को देखते हुए यहां हवन का कार्यक्रम रखा गया था. हवन संपन्न होते ही जब आरती के लिए श्रद्धालु खड़े हुए, उसी दौरान स्लैब टूट गया और लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे के बाद इंदौर नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने एक्शन लेते हुए स्थानीय बिल्डिंग इंस्पेक्टर और बिल्डिंग ऑफिसर को निलंबित कर दिया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से भी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
इसके लिए इंदौर कलेक्टर टी. इलैयाराजा ने अपर कलेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही 15 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. आदेश के तहत यह जांच मृतकों की किन परिस्थितियों में मृत्यु हुई? घटना का घटनाक्रम क्या था? घटनाक्रम में क्या परिस्थितियां थीं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सुझाव व अन्य कोई बिन्दु जांच के दौरान सामने आता है तो उसके संबंध में भी जांच की जाएगी.
जानिए कब क्या हुआ...
मंदिर समिति के अध्यक्ष और सचिव पर केस
इंदौर पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर ने बताया कि मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष और सचिव पर गैरइरादान हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. इसके साथ ही बेलेश्वर मंदिर में बनी बावड़ी की तरह जितनी भी बावड़ी और कुएं हैं, उनकी भी जांच जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा हादसा न हो.
स्नेह नगर इलाके में है बेलेश्वर महादेव मंदिर
बता दें कि इंदौर के स्नेह नगर इलाके में बेलेश्वर महादेव मंदिर है. 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर भारी संख्या में यहां श्रद्धालु जुटे थे. मंदिर में हवन चल रहा था. जब लोग हवन के समापन को पूर्ण आहुति के लिए अपनी जगह पर खड़े हुए तभी हादसा हो गया. जिस फर्श पर लोग खड़े थे, वही ढह गई. यह फर्श एक पुरानी बावड़ी के ऊपर बना दी गई थी. करीब 50 फीट गहरी इस बावड़ी को भरे बिना ही उस पर लिंटर डालकर फर्श बना दी गई थी.